हांसी: भाटला गांव में दलित समाज के प्लाटों पर अवैध कब्जा, पैमाइश के दौरान धमकी
हांसी: भाटला गांव में महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत अनुसूचित जाति समाज के गरीब लोगों को दिए गए 100-100 गज के प्लाटों पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। उपमंडल अधिकारी नागरिक हांसी के आदेश पर कानूनगो और पटवारी समेत टीम के अन्य सदस्य जब इन प्लाटों की पैमाइश करने पहुंचे, तो अवैध कब्जाधारियों ने उन्हें पैमाइश करने से रोका और उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसके अलावा, कब्जाधारियों ने उन्हें धमकी दी कि यदि पैमाइश की कार्रवाई की गई, तो उनकी गाड़ी को आग लगा दी जाएगी।
इस घटना के बाद कानूनगो ने तहसीलदार को पत्र लिखकर पैमाइश के लिए पुलिस सुरक्षा की मांग की। इसके बाद, दलित समुदाय के लोग एकजुट होकर हांसी लघु सचिवालय पहुंचे और हांसी पुलिस अधीक्षक निकिता गहलोत को एक शिकायत दी। इसके अतिरिक्त, उपमंडल अधिकारी नागरिक को भी शिकायत दी, जिसे उन्होंने तहसीलदार को फॉरवर्ड कर दिया।
दलित ग्रामीणों का आरोप:
अनुसूचित जाति से संबंधित दलित ग्रामीणों ने बताया कि सन 1994 में उन्हें महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत 100-100 गज के प्लाट आवंटित किए गए थे, जिनकी रजिस्ट्री और इंतकाल भी उन्हें सौंपे गए थे। लेकिन इन प्लाटों पर जाति विशेष के अवैध कब्जाधारी कब्जा किए हुए हैं और उन्हें धमकाते हुए अपना कब्जा नहीं हटा रहे हैं। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों और राजनीतिक व्यक्तियों से कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक उनकी जमीन पर कब्जा नहीं दिलवाया गया।
पवन ग्रेवाल, सुनील दहिया और संजय ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री विंडो पर शिकायत दी थी, जिसके बाद एसडीएम ने प्लाटों की पैमाइश कराने के आदेश दिए थे। लेकिन जब सरकारी कर्मचारी पैमाइश के लिए मौके पर पहुंचे, तो अवैध कब्जाधारियों ने उन्हें धमकी दी और कहा कि अगर पैमाइश की कोशिश की, तो उनकी गाड़ी को आग लगा दी जाएगी।
पुलिस से मांग:
पवन ग्रेवाल ने बताया कि उन्होंने अब हांसी की एसपी को एक शिकायत दी और मांग की कि अनुसूचित जाति समाज के प्लाटों पर कब्जा करने वाले जाति विशेष के अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया जाए और उन्हें गिरफ्तार कर उन्हें उनके प्लाटों पर कब्जा दिलवाया जाए।