Saturday, February 12, 2022

परिवार पहचान पत्र और लेबर डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली से मजदूर वर्ग परेशान: दहिया


हांसी/हिसार, 12 फरवरी 2022: परिवार पहचान पत्र (FPP) और लेबर डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली से मजदूर वर्ग में भारी असंतोष देखा जा रहा है। जब से परिवार पहचान पत्र को सभी सरकारी विभागों में अनिवार्य किया गया है, तब से मजदूरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकारी दफ्तरों के अधिकारियों को एक आसान बहाना मिल गया है, जो यह कहते हैं कि "परिवार पहचान पत्र में करेक्शन करवाओ", जिससे लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने और दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो जाते हैं। विशेष रूप से, मजदूर वर्ग को इस प्रक्रिया में सबसे अधिक समस्या हो रही है, क्योंकि उन्हें अपनी मजदूरी के साथ-साथ सरकारी दफ्तरों में भी चक्कर लगाने पड़ते हैं।

दहिया की टिप्पणी:

दहिया ने बताया कि जिला हिसार के प्रभु्ववाला गांव के दिलबाग ने अपने बेटे का मैरिज सर्टिफिकेट बनवाया था, जिसमें उसका नाम और पुत्रवधू का नाम किसी अन्य राज्य में चला गया था, जिससे वह काफी परेशान हो गए। उन्होंने परिवार पहचान पत्र के हेल्पलाइन नंबर पर भी संपर्क किया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। इसके परिणामस्वरूप दिलबाग का बेटा और पुत्रवधू हरियाणा की सदस्यता से बाहर कर दिए गए। यह केवल एक उदाहरण है, जो दर्शाता है कि परिवार पहचान पत्र की प्रक्रिया मजदूर वर्ग के लिए कितना जटिल और परेशान करने वाली बन गई है।

लेबर डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली पर सवाल:

दहिया ने आगे बताया कि लेबर डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली भी मजदूरों के लिए परेशानी का कारण बन रही है। परिवार पहचान पत्र में "कंस्ट्रक्शन वर्कर" की श्रेणी में मजदूर को ही लाभ लेने का अधिकार मिलता है। लेकिन भवन निर्माण कार्य में मजदूर को 90 दिन का काम आवश्यक होता है, जबकि 365 दिनों में मजदूर अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए अन्य काम भी करता है। फिर भी, लेबर डिपार्टमेंट ने परिवार पहचान पत्र में केवल कंस्ट्रक्शन वर्कर की शर्त रखी है, जो गलत है।

जयपाल का मामला:

इसी तरह, हांसी के गांव ढाणी राजू के जयपाल ने अपनी बेटी की शादी के लिए लेबर डिपार्टमेंट में आवेदन किया था, लेकिन परिवार पहचान पत्र में बेटी का संबंध गलत तरीके से दर्ज होने के कारण वह फार्म भरने में सक्षम नहीं हो पाए। वह अधिकारियों के पास कई बार गए, जिन्होंने उन्हें कहा कि एक एप्लीकेशन लिखकर दें, और समस्या को ठीक कर देंगे। हालांकि, तीन महीने बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

मांग:

दहिया ने हरियाणा सरकार से अपील की है कि वह मजदूरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को उचित दिशा निर्देश जारी करें, ताकि मजदूरों को इस तरह की समस्याओं का सामना न करना पड़े और उनकी जरूरतों के अनुसार प्रक्रिया को सरल किया जा सके।

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