अम्बाला,कैंट में एलआईसी बिल्डिंग के सामने गांधी ग्राउंड के पास बन रहा बैंक स्क्वेयर टेंडर के मुताबिक 87.12 करोड़ रुपए में बनना था। उसे पूरा करने के लिए हरियाणा पुलिस हाउसिंग काॅरपोरेशन (एचपीएससी) ने रिवाइज्ड बजट 217.12 करोड़ रुपए मांगा है। सदर नगर परिषद के प्रशासक कम एडीसी सचिन गुप्ता के नेतृत्व में बनी निरीक्षण कमेटी ने एचपीएससी को चिट्ठी लिखकर पूछा कि स्ट्रक्चर व डिजाइन वर्क ऑर्डर टेंडर के मुताबिक हैं लेकिन फिर लागत ढाई गुणा तक कैसे बढ़ गई? अभी इसका जवाब नहीं मिल पाया है।
रिवाइज्ड बजट पर पेंच फंसने के कारण बैंक स्क्वेयर निर्माण की गति भी धीमी हो गई और प्रोजेक्ट निर्धारित अवधि में पूरा होना मुश्किल है। 3 नवंबर 2020 को बैंक स्क्वेयर का भूमि पूजन हुआ था और इसे नवंबर 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उपलब्ध हुए दस्तावेज के मुताबिक निर्माणाधीन बैंक स्क्वेयर के निरीक्षण व जांच के लिए 22 अक्टूबर 2021 को गठित जांच कमेटी ने 27 अक्टूबर 2021 को साइट का निरीक्षण किया।

इस दौरान एचपीएचसी ने कमेटी के समक्ष सभी आइटम की रिवीजन करने के लिए जरूरी दस्तावेज पेश नहीं किए। 29 अक्टूबर को जांच कमेटी में शामिल सदर नगर परिषद के एक्सईएन की ओर से एचपीएचसी के एक्सईएन को पत्र लिखकर बजह रिवाइज करने से संबंधित जरूरी दस्तावेज मांगे। कोई जवाब नहीं मिला तो 11 नवंबर 2021 को रिमाइंडर पत्र भेजा गया। 9 दिसंबर 2021 को सदर नगर परिषद के प्रशासक एडीसी सचिन गुप्ता ने शहरी एवं स्थानीय निदेशालय काे पत्र लिखकर जानकारी दी कि एचपीएचसी ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए हैं।
इस वजह से रिवाइज एस्टीमेट को क्रॉस चेक करने में दिक्कतें आ रही हैं। एचपीएचसी ने वास्तविक एस्टीमेट के मुताबिक पुख्ता जानकारी काम की विभिन्नता, अलॉट किए गए काम व रेट की जानकारी विश्लेषण और तुलनात्मक शीट में जरूरी अतिरिक्त आइटम की जानकारी मुहैया नहीं कराई है।
एचपीएससी के एसडीओ बोले : –
350 पाइलिंग की बजाय साइट पर 1700 पाइलिंग बनी, कई और बदलाव हुए
58 करोड़ की पेमेंट हो चुकी, रिवाइज एस्टिमेट के मुताबिक 30% काम ही पूरा रिवाइज एस्टिमेट 217.12 करोड़ रुपए के मुताबिक बैंक स्क्वेयर का काम 30 प्रतिशत ही पूरा हो पाया है, जबकि वास्तविक अलॉट हुए काम के मुताबिक स्ट्रक्चर खड़ा करने का काम 70 प्रतिशत पूरा हो चुका है। लेकिन यह विवाद खड़ा होने से एजेंसी ने काम की गति को बहुत ही ज्यादा धीमा कर दिया है। नगर परिषद ने एजेंसी को अभी 87.12 करोड़ रुपए में से 58 करोड़ रुपए की पेमेंट की है और 2 करोड़ रुपए का बिल अभी पेंडिंग पड़ा है।
बैंक स्क्वेयर में ये व्यवस्था पहले से प्रस्तावित बिल्डिंग को डिजाइन करने वाली कंपनी के मुताबिक 3.97 एकड़ में पूरा कॉमर्शियल होगा। पहले फ्लोर पर बैंकों के लिए 33 शोरूम, दूसरे फ्लोर पर 31 शोरूम कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए, तीसरे फ्लोर पर 20 शोरूम फूड कोर्ट के लिए, चौथे फ्लोर पर 300 लोगों की क्षमता वाला ऑडिटोरियम, 5वें से 8वें फ्लोर पर बैंकों के लिए ऑफिस होंगे। पूरे कांप्लेक्स में एलईडी लाइट्स, बिजली का सब-स्टेशन, एनर्जी सेविंग एसी प्लांट, एलईडी स्क्रीन, अनाउंसमेंट स्पीकर, वाई-फाई व अन्य सुविधाएं होगी। बैंकों के अलावा फाइनेंस, बीमा एवं अन्य कार्यालय स्थापित होंगे। 600 वाहनों के खड़ा करने के लिए पार्किंग होगी।
कैंट की जनता को ये फायदा होगा
कैंट व सिटी की 34 बैंकिंग व फाइनेंस से जुड़ी संस्थाएं आएंगी। बाजारों में अलग-अलग जगहों पर धक्के खाने वाली जनता को एक जगह पर बैंकिंग समेत अन्य चीजों की सुविधाएं मिलेंगी।
5 लाख वर्ग फुट से ज्यादा बिल्ट एरिया वाला यह बैंक स्कवेयर एरिया के हिसाब से चंडीगढ़ के एलांते मॉल से बड़ा होगा।
बड़े शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी बैंक स्क्वेयर में आ जाएंगे।
इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन की व्यवस्था होगी। कैंट नगर परिषद का रेवेन्यू भी बढ़ेगा।
600 वाहन एक साथ बैंक स्क्वेयर की बिल्डिंग में खड़े हो सकेंगे।
हेलीपैड की व्यवस्था की जाएगी।
एचपीएचसी के एसडीओ कमल किशोर ने बताया कि नगर परिषद ने जो वास्तविक डिजाइन दिए थे, उसके मुताबिक 350 पाइलिंग करनी थी, लेकिन साइट पर 1700 पाइलिंग की गई। इसके अलावा डिजाइन में कुछ और बदलाव किए हैं। हमने रिवाइज एस्टीमेट के संबंध में समय-समय नगर परिषद को लिखा है। बाकी एचपीएचसी की हायर अथॉरिटी इस संबंध में ज्यादा जानकारी दे सकती है कि उन्होंने नगर परिषद को जवाब क्यों नहीं दिया।
इस संबंध में हायर अथॉरिटी की एक मीटिंग भी प्रस्तावित है। उधर, बैंक स्क्वेयर का स्ट्रक्चर व डिजाइन तैयार करने वाली एजेंसी का कहना है कि टेंडर लगने के बाद इसमें काफी बदलाव हुए हैं, इस बात को नगर परिषद के अधिकारियों को स्पष्ट करना चाहिए । एजेंसी की ओर से समय-समय बैंक स्कवेयर के डिजाइन में बदलाव किए गए हैं इसलिए इसका बजट बढा है। एजेंसी को काम डिजाइन बनाकर देना है इसलिए एजेंसी ने अपना डिजाइन बनाकर दिया है। एजेंसी ने यह कहा है कि टेंडर के बाद प्रोजेक्ट एरिया भी बढ़ा है।
क्या कहते हैं अधिकारी : –
अभी हमारे पास अप्रवूल 87.12 करोड़ रुपए की है। हमने 87.12 करोड़ तक ही काम करना है। नगर परिषद के पत्र व रिमाइंडर भेजने की बजाए उसे बताना चाहिए कि परिषद क्या करना चाहती है । अब 217.12 करोड़ में परिषद क्या करना चाहती है वो हमें बताएं। हमें एडिशनल वर्क के लिए कहा जाएगा तो वो कराएंगे। नगर परिषद का बताएगा कि उन्हें बैंक स्कवेयर का काम कितना कराना है।
संदीप अरोड़ा, एसई, हरियाणा पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन।