करनाल, 3 जनवरी। देश में महिला शिक्षा की अलख जगाने वाली पहली महिला शिक्षिका, सावित्रीबाई फुले जी का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ राष्ट्रीय सैनी सभा करनाल और अंबेडकर समाज कल्याण सभा द्वारा सैक्टर 16 स्थित डा. अंबेडकर भवन में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग अनुसूचित जाति जनजाति एवं अल्पसंख्यक महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव तथा राष्ट्रीय सैनी सभा के प्रदेशाध्यक्ष, रमेश सैनी ने की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अंबेडकर समाज कल्याण सभा के प्रधान अमर सिंह पातलान थे। कार्यक्रम की शुरुआत सावित्रीबाई फुले के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने से हुई। इस अवसर पर, रमेश सैनी ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने ऐसे समय में महिला शिक्षा की नींव रखी जब देश में बहु विवाह, बाल विवाह और सती प्रथा जैसी कुरीतियां फैली हुई थीं। उन्होंने महिलाओं के लिए स्कूल और कॉलेज खोले। उनका कार्य समाज में जागरूकता फैलाने और महिलाओं को शिक्षित करने में महत्वपूर्ण था।
उन्होंने यह भी कहा कि सावित्रीबाई फुले के प्रभाव से ही डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भी महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कार्य किया। उनका मानना था कि देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के योगदान को याद करने के लिए सरकारी स्तर पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि करनाल के राजकीय महिला कॉलेज का नाम "माता सावित्रीबाई फुले" के नाम पर रखा जाए।
मुख्य वक्ता अमर सिंह पातलान ने कहा कि सावित्रीबाई फुले ने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया, बल्कि उन्होंने समाज की कुरीतियों जैसे छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ भी संघर्ष किया। उनका मानना था कि महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में जो सम्मान सावित्रीबाई फुले को मिलना चाहिए था, वह आजाद भारत में उन्हें नहीं मिला।
अमर सिंह पातलान ने यह भी कहा कि महिला शिक्षा के क्षेत्र में सावित्रीबाई फुले के योगदान को देखते हुए, देश और प्रदेश के महिला शिक्षण संस्थानों में उनके नाम पर चेयर स्थापित की जानी चाहिए।
इस कार्यक्रम में सजग समाज के संपादक शमशेर सिंह संधु, राष्ट्रीय सैनी सभा के जिला प्रधान श्याम सैनी, महासचिव रणधीर सैनी, मिनाक्षी सैनी, मत्युंजय सैनी, सुनीता चौधरी, बलराज रंगा, जिले सिंह बेरवाल, सनसनी के संपादक खुर्शीद आलम, करतार सिंह रंगा, राकेश सैनी, दलवीर एडवोकेट सुरेंद्र बकील समेत कई लोग मौजूद थे और उन्होंने इस कार्यक्रम में अपनी बात रखी।
इस अवसर पर विजयेंद्र सैनी, जयभगवान कश्यप और अन्य सम्मानित लोग भी उपस्थित थे।